Thursday, 29 September 2011

Like To Friends


Thursday, 15 September 2011

Bada Gaon Tirth

श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन अतिशय क्षेत्र, बडगांव, खेकडा ( उत्तर प्रदेश)


उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के दिल्ली सहारनपुर सड़क मार्ग पर खेकडा तहसील से ७ किलोमीटर एवं रेलवे स्टेशन से ४ किलोमीटर दुरी पर हैं. यह क्षेत्र बहुत ही अतिशयकारी एवं प्राचीन हैं. यहाँ की मुलनायक प्रतिमा श्री १००८ भगवान पार्श्वनाथ की भव्य चित्त्कार्शक एवं चमत्कारी हैं. यहाँ. प्रतिवर्ष मनोती मानाने वाले श्रद्धालुओ की भीड़ लगी रहती हैं. जहाँ खुदाई के गयी थी उस १२ फ़ुट का स्थान कुए के रूप में परवर्तित हो गया हैं. कुए के जल से अनेक रोगी लाभ लेने के लिए आने लगे. वह अतिशय युक्त कुआ क्षेत्र के आकर्षक का केंद्र बना हुआ हैं.

Ashta Kasar Tirth

श्री १००८ विग्नहर पार्श्वनाथ दिगंबर जैन अतिशय क्षेत्र आस्ठा - महाराष्ट्र


श्री १००८ विग्नहर पार्श्वनाथ दिगंबर जैन अतिशय क्षेत्र आस्ठा - महाराष्ट्र, यह क्षेत्र महाराष्ट्र राज्य की सोलापुर - हेदराबाद राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक ९ पर भोस्गागाँव से ५ किलोमीटर दुरी पर स्थित हैं. प्राचीन अतिशय क्षेत्र आस्ठा कासार में विराजमान भगवान पार्श्वनाथ की भक्ति से विग्नो का नाश होता हैं. अन्त् जनमानस में यह विग्नहर पार्श्वनाथ के नाम से प्रसिद्ध हैं. प्राचीन मंदिर में मुलनायक भगवान पार्श्वनाथ की सादे ग्यारह फ़ुट ऊँची कृष्ण वर्ण पद्मासन प्रतिमा विराजमान हैं

Tuesday, 13 September 2011

Ankaleshwar Tirth

श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन अतिशय क्षेत्र, अंकलेश्वर - गुजरात


गुजरात प्रान्त के सूरत और बडोदा के बीच अंकलेश्वर नमक रेलवे स्टेशन हैं. वहां से अंकलेश्वर ग्राम करीब १ किलोमीटर दुरी पर हैं. यहाँ भोयरे से भगवान पार्श्वनाथ की अतिशय्युक्त मूर्ति प्राप्त हुए हैं जो चिंतामणि पार्श्वनाथ के नाम से विख्यात हैं. यह आम धरना हैं एस मूर्ति के दर्शन से चिंताए दूर हो जाती हैं. यहाँ जैन और जैनेतर बंधू भरी संख्या में मनोती मानते हैं. पारगामी आचार्य धरसेन ने अंग श्रुत का विच्छेद हो जाने की आशंका से उस ज्ञान को सुपात्र विद्वानों को देना चाहा. पुष्पदंत और भुत्बली ने उनसे ज्ञान प्राप्त किया. तत्पश्चात एन दो साधुओ ने पहला चातुर्मास अंकलेश्वर में. किया वाही पर इन दोनों मुनियो ने शर्त के प्रचार की योजना बनायीं. एस प्रकार अंकलेश्वर पुष्पदंत और भुत्बली की चरण राज से पवित्र भूमि हैं

Tuesday, 6 September 2011

Mandoli Photos


























Saturday, 3 September 2011

Adinda Tirth


श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन अतिशय क्षेत्र अडिंदा, उदयपुर, राजस्थान

श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन अतिशय क्षेत्र अडिंदा, उदयपुर, राजस्थान, यह क्षेत्र राजस्थान प्रान्त के उदयपुर जिले से ४२ किलोमीटर दुरी पर अडिंदा नमक ग्राम में स्थित हैं. इस क्षेत्र पर लगभग २००० वर्ष प्राचीन भगवान पार्श्वनाथ की अतिशय्युक्त प्रतिमा विराजमान हैं. यह प्रतिमा दक्षिणमुखी हैं. प्रतिमा पर लिखी प्रशस्ति के अनुसार यह प्रतिमा संवत ११०० की प्रतिष्ठित हैं. मुनिश्री कुन्थु सागर जी की प्रेरणा से इस क्षेत्र का निरंतर विकास हो रहा हैं. पदम् सरोवर में फुव्वारो के बीच कमल पर २१ फ़ुट उत्तुंग भगवान पार्श्वनाथ की प्रतिमा विराजमान की गयी हैं

Mr.Piyush Singhvi. Powered by Blogger.
Twitter Delicious Facebook Digg Stumbleupon Favorites More